Khamoshi Khud Apni Sada Ho

JAGJIT SINGH, ZAKA SIDDIQI

ख़ामोशी ख़ुद अपनी सदा हो ऐसा भी हो सकता है
ख़ामोशी ख़ुद अपनी सदा हो ऐसा भी हो सकता है
सन्नटा ही गूँज रहा हो
सन्नटा ही गूँज रहा हो ऐसा भी हो सकता है
ख़ामोशी ख़ुद अपनी सदा हो ऐसा भी हो सकता है

मेरा माज़ी मुझ से बिछड़ कर क्या जाने किस हाल में है
मेरा माज़ी मुझ से बिछड़ कर क्या जाने किस हाल में है
मेरी तरह वो भी तन्हा हो
मेरी तरह वो भी तन्हा हो ऐसा भी हो सकता है
ख़ामोशी ख़ुद अपनी सदा हो ऐसा भी हो सकता है

सहरा सहरा कब तक मैं ढूँढू उल्फ़त का इक आलम
सहरा सहरा कब तक मैं ढूँढू उल्फ़त का इक आलम
आलम आलम इक सहरा हो
आलम आलम इक सहरा हो ऐसा भी हो सकता है
ख़ामोशी ख़ुद अपनी सदा हो ऐसा भी हो सकता है

एहले -ए-तूफाँ सोच रहे हैं साहिल डूबा जाता है
एहले-ए-तूफाँ सोच रहे हैं साहिल डूबा जाता है
ख़ुद उनका दिल डूब रहा हो
ख़ुद उनका दिल डूब रहा हो ऐसा भी हो सकता है
ख़ामोशी ख़ुद अपनी सदा हो ऐसा भी हो सकता है
सन्नटा ही गूँज रहा हो
सन्नटा ही गूँज रहा हो ऐसा भी हो सकता है

Wissenswertes über das Lied Khamoshi Khud Apni Sada Ho von Jagjit Singh

Wann wurde das Lied “Khamoshi Khud Apni Sada Ho” von Jagjit Singh veröffentlicht?
Das Lied Khamoshi Khud Apni Sada Ho wurde im Jahr 1997, auf dem Album “In Search” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Khamoshi Khud Apni Sada Ho” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Khamoshi Khud Apni Sada Ho” von Jagjit Singh wurde von JAGJIT SINGH, ZAKA SIDDIQI komponiert.

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