Khush Rahe

Bashir Badr

ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे
ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे

आज हम सब के साथ ख़ूब हँसे
आज हम सब के साथ ख़ूब हँसे
और फिर देर तक उदास रहे
और फिर देर तक उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे

रात के रास्ते भी रौशन हों
रात के रास्ते भी रौशन हों
हाथ में चाँद का गिलास रहे
हाथ में चाँद का गिलास रहे

आदमी के लिये ज़रूरी है
आदमी के लिये ज़रूरी है
कोई उम्मीद, कोई आस रहे
कोई उम्मीद, कोई आस रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे

Wissenswertes über das Lied Khush Rahe von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Khush Rahe” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Khush Rahe” von Jagjit Singh wurde von Bashir Badr komponiert.

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