Maan Mausam Ka Kaha

Bashir Badar

मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा
आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा

ऐ मेरे यार तुझे उसकी क़सम देता हूँ
ऐ मेरे यार तुझे उसकी क़सम देता हूँ
भूल जा शिकवा-गिला, हाथ मिला, जाम उठा
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा
आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा

एक पल भी कभी हो जाता है सदियों जैसा
एक पल भी कभी हो जाता है सदियों जैसा
देर क्या करना यहाँ, हाथ बढा़, जाम उठा
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा
आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा

प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ (प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ)
प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ (प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ)

मैकदे में कोई छोटा न बड़ा, जाम उठा
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा

आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा (आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा)
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा (मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा)

Wissenswertes über das Lied Maan Mausam Ka Kaha von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Maan Mausam Ka Kaha” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Maan Mausam Ka Kaha” von Jagjit Singh wurde von Bashir Badar komponiert.

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