Mere Kareeb Na Aao

Sabah Sikri

मेरे क़रीब ना आओ के मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ के मैं शराबी हूँ
मेरा शऊर जगाओ के मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ के मैं शराबी हूँ

ज़माने भर की निगाहों से गिर चुका हूँ मैं
ज़माने भर की निगाहों से गिर चुका हूँ मैं
नज़र से तुम ना गिराओ के मैं शराबी हूँ
नज़र से तुम ना गिराओ के मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ के मैं शराबी हूँ

ये अर्ज़ करता हूँ गिर के ख़ुलूस वालो से
ये अर्ज़ करता हूँ गिर के ख़ुलूस वालो से
ये अर्ज़ करता हूँ गिर के ख़ुलूस वालो से
उठा सको तो उठाओ के मैं शराबी हूँ
उठा सको तो उठाओ के मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ के मैं शराबी हूँ

तुम्हारी आँख से भर लूँ सुरूर आँखों में
तुम्हारी आँख से भर लूँ सुरूर आँखों में
नज़र नज़र से मिलाओ के मैं शराबी हूँ
नज़र नज़र से मिलाओ के मैं शराबी हूँ
मेरे क़रीब ना आओ के मैं शराबी हूँ

के मैं शराबी हूँ (के मैं शराबी हूँ)
के मैं शराबी हूँ (के मैं शराबी हूँ)
के मैं शराबी हूँ (के मैं शराबी हूँ)
के मैं शराबी हूँ (के मैं शराबी हूँ)
के मैं शराबी हूँ (के मैं शराबी हूँ)

Wissenswertes über das Lied Mere Kareeb Na Aao von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Mere Kareeb Na Aao” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Mere Kareeb Na Aao” von Jagjit Singh wurde von Sabah Sikri komponiert.

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