Muh Ki Baat

Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh

मुउन्ह किी बातें सुने हर कोइ,
दिल का दर्द ना जाने कौन
मुउन्ह किी बातें सुने हर कोइ,
दिल का दर्द ना जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों मेी
खामोशीि पहचाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों मेी
खामोशीि पहचाने कौन
मुउन्ह किी बातें सुने हर कोइ,

सदियों सदियों वहीी तमाशा
रास्ता रास्ता लंबी खोय
सदियों सदियों वहीी तमाशा
रास्ता रास्ता लंबी खोय
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन
मुउन्ह किी बातें सुने हर कोइ

वो मेरा आयना है मैं
उस किी परच्चाइी हुउँ
वो मेरा आयना है मैं
उस किी परच्चाइी हुउँ
मेरे हिी घर में रहता है,
मुझ जैसा हिी जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों मेी
खामोशीि पहचाने कौन
मुउन्ह किी बातें सुने हर कोइ

किरात किरात हल्का सा सुउरज
पलाल पालक खुलटीी निन्डें
किरात किरात हल्का सा सुउरज
पलाल पालक खुलटीी निन्डें
यूउन हिी डिलपिघल रहा है
ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन
मुउन्ह किी बातें सुने हर कोइ
दिल का दर्द ना जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों मेी
खामोशीि पहचाने कौन
मुउन्ह किी बातें सुने हर कोइ

Wissenswertes über das Lied Muh Ki Baat von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Muh Ki Baat” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Muh Ki Baat” von Jagjit Singh wurde von Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh komponiert.

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