Parakhana Mat

BASHIR BADRA, JAGJIT SINGH

परखना मत परखना
मे कोई अपना नही रहता
परखना मत परखना
मे कोई अपना नही रहता
किसी भी आईने मे डियर
तक चेरा नही रहता
परखना मत परखना
मे कोई अपना नही रहता

बड़े लोगो सो मिलने में
हमेशा फासला रखना
बड़े लोगो सो मिलने में
हमेशा फासला रखना
जहा दरिया समंदर
से मिला दरिया नही रहता
परखना मत परखना
मे कोई अपना नही रहता

तुम्हारा शार तो बिल्कुल
नये अंदाज़ वाला है
तुम्हारा शार तो बिल्कुल
नये अंदाज़ वाला है
हमारे शार मे भी अब
कोई हंसा नही रहता
परखना मत परखना
मे कोई अपना नही रहता

मोहबत एक खुसबु है
हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई मे भी
तन्हा नही रहता
परखना मत परखना
मे कोई अपना नही रहता
किसी भी आईने मे डियर
तक चेरा नही रहता
परखना मत परखना
मे कोई अपना नही रहता

Wissenswertes über das Lied Parakhana Mat von Jagjit Singh

Wann wurde das Lied “Parakhana Mat” von Jagjit Singh veröffentlicht?
Das Lied Parakhana Mat wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Aaeena” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Parakhana Mat” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Parakhana Mat” von Jagjit Singh wurde von BASHIR BADRA, JAGJIT SINGH komponiert.

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