Socha Nahin Achha Bura

BASHIR BADR, TALAT ALI AZIZ

सोचा नहीं अच्छा बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं
सोचा नहीं अच्छा बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं

माँगा खुदा से रात दिन (माँगा खुदा से रात दिन)
माँगा खुदा से रात दिन (माँगा खुदा से रात दिन)
तेरे सिवा कुछ भी नहीं (तेरे सिवा कुछ भी नहीं)
सोचा नहीं अच्छा बुरा (सोचा नहीं अच्छा बुरा)
देखा सुना कुछ भी नहीं (देखा सुना कुछ भी नहीं)

देखा तुझे, सोचा तुझे, चाहा तुझे, पूजा तुझे
देखा तुझे, सोचा हे, चाहा तुझे, पूजा तुझे
मेरी खता, मेरी वफ़ा, तेरी ख़ता, कुछ भी नहीं
माँगा खुद़ा से रात दिन तेरे सिवा कुछ भी नहीं
सोचा नहीं अच्छा बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं

जिस पर हमारी आँख ने, मोती बिछाए रात भर
जिस पर हमारी आँख ने, मोती बिछाए रात भर
भेजा वही कागज़ उसे, हमने लिखा कुछ भी नहीं
माँगा खुद़ा से रात दिन तेरे सिवा कुछ भी नहीं
सोचा नहीं अच्छा बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं

एक शाम की दहलीज़ पर, बैठे रहें वो देर तक
एक शाम की दहलीज़ पर, बैठे रहें वो देर तक

आँखों से की बातें बहुत (आँखों से की बातें बहुत)
मुँह से कहा कुछ भी नहीं (मुँह से कहा कुछ भी नहीं)
माँगा खुद़ा से रात दिन (माँगा खुद़ा से रात दिन)
तेरे सिवा कुछ भी नहीं (तेरे सिवा कुछ भी नहीं)
सोचा नहीं अच्छा बुरा (सोचा नहीं अच्छा बुरा)
देखा सुना कुछ भी नहीं (देखा सुना कुछ भी नहीं)

Wissenswertes über das Lied Socha Nahin Achha Bura von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Socha Nahin Achha Bura” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Socha Nahin Achha Bura” von Jagjit Singh wurde von BASHIR BADR, TALAT ALI AZIZ komponiert.

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