Tere Khushboo Mein Base Khat [Short]
Rajendranath Rahbir, Jagjit Singh
तेरे ख़ुशबू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुए ख़त मैं जलाता कैसे
तेरे हाथों के लिखे ख़त मैं जलाता कैसे
तेरे ख़त मैं आज मैं गंगा में बहा आया हूँ
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ