Tujhse Milne Ki Saza Denge

DANISH ALIGARHI, JAGJIT SINGH

तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
ये वफ़ाओं का सिला देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग

क्या ख़बर थी तेरे मिलने पे क्यामत होगी
क्या ख़बर थी तेरे मिलने पे क्यामत होगी
मुझको दीवाना बना देंगे तेरे शहर के लोग
मुझको दीवाना बना देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग

तेरी नज़रों से गिराने के लिये जान-ए-हया
तेरी नज़रों से गिराने के लिये जान-ए-हया
मुझको मुजरिम बना देंगे तेरे शहर के लोग
मुझको मुजरिम बना देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग

कह के दीवाना मुझे मार रहें हैं पत्थर
कह के दीवाना मुझे मार रहें हैं पत्थर
और क्या इस के सिवा देंगे तेरे शहर के लोग
तुझसे मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
ये वफ़ाओं का सिला देंगे तेरे शहर के लोग

Wissenswertes über das Lied Tujhse Milne Ki Saza Denge von Jagjit Singh

Auf welchen Alben wurde das Lied “Tujhse Milne Ki Saza Denge” von Jagjit Singh veröffentlicht?
Jagjit Singh hat das Lied auf den Alben “Ehsaas Gham Ka - Jagjit Singh -2” im Jahr 1982 und “Sentimantal Jagjit Singh -Jhuki Jhuki Si Nazar” im Jahr 2010 veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Tujhse Milne Ki Saza Denge” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Tujhse Milne Ki Saza Denge” von Jagjit Singh wurde von DANISH ALIGARHI, JAGJIT SINGH komponiert.

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