Tum Karuna Ke Sagar Ho

Narayan Agrawal

तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो

तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो

थके पाँव है दूर गांव है अब तो कृपा कर दो, ओ ओ ओ
तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो

तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो
हरे कृष्ना, हरे कृष्ना कृष्ना कृष्ना, हरे हरे
हरे रामा, हरे रामा रामा रामा, हरे हरे

क्लेश-द्वेष से भरा ये मन है मैला मेरा तन है

क्लेश-द्वेष से भरा ये मन है मैला मेरा तन है
तुम कृपाला दीन दयाला तुम से ही जीवन है
इस तन-मन को उपवन करने का वरदान अमर दो
तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो
थके पाँव है दूर गांव है अब तो कृपा कर दो

तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो
हरे कृष्ना, हरे कृष्ना कृष्ना कृष्ना, हरे हरे
हरे रामा, हरे रामा रामा रामा, हरे हरे

याचक बनकर खड़ा हूँ द्वारे दोनों हाथ मैं जोड़े

याचक बनकर खड़ा हूँ द्वारे दोनों हाथ मैं जोड़े
परम पिता तुमको मैं जानू पिता ना बालक छोड़े
दास नारायण करे अर्चना मेरी पीड़ा हर लो
तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो
थके पाँव है दूर गांव है अब तो कृपा कर दो
तुम करूणा के सागर हो प्रभु मेरी गागर भर दो

हरे कृष्ना, हरे कृष्ना कृष्ना कृष्ना, हरे हरे
हरे रामा, हरे रामा रामा रामा, हरे हरे
हरे कृष्ना, हरे कृष्ना कृष्ना कृष्ना, हरे हरे
हरे रामा, हरे रामा रामा रामा, हरे हरे
हरे कृष्ना, हरे कृष्ना कृष्ना कृष्ना, हरे हरे
हरे रामा, हरे रामा रामा रामा, हरे हरे

Wissenswertes über das Lied Tum Karuna Ke Sagar Ho von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Tum Karuna Ke Sagar Ho” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Tum Karuna Ke Sagar Ho” von Jagjit Singh wurde von Narayan Agrawal komponiert.

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