Yun Zindagi Ki Raah Mein

Akhtar Javed, Kuldeep Singh

क्यों ज़िंदगी की राह में, मजबूर हो गये
क्यों ज़िंदगी की राह में, मजबूर हो गये
इतने हुए करीब के हम दूर हो गये
क्यों ज़िंदगी की राह में, मजबूर हो गये
इतने हुए करीब के हम दूर हो गये
क्यों ज़िंदगी की राह में, मजबूर हो गये

ऐसा नही के हमको कोई भी खुशी नही
लेकिन यह जिंदगी तो कोई जिंदगी नही
ऐसा नही के हमको कोई भी खुशी नही
लेकिन यह जिंदगी तो कोई जिंदगी नही
क्यो इसके फ़ैसले हमे मंजूर हो गये
इतने हुए करीब के हम दूर हो गये
क्यों ज़िंदगी की राह में, मजबूर हो गये

पाया तुम्हे तो हमको लगा, तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और यह दिल हम पे रो दिया
पाया तुम्हे तो हमको लगा, तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और यह दिल हम पे रो दिया
पलको से ख्वाब क्यो गिरे, क्यो चूर हो गये
इतने हुए करीब के हम दूर हो गये
क्यों ज़िंदगी की राह में, मजबूर हो गये
इतने हुए करीब के हम दूर हो गये
क्यों ज़िंदगी की राह में, मजबूर हो गये

Wissenswertes über das Lied Yun Zindagi Ki Raah Mein von Jagjit Singh

Wer hat das Lied “Yun Zindagi Ki Raah Mein” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Yun Zindagi Ki Raah Mein” von Jagjit Singh wurde von Akhtar Javed, Kuldeep Singh komponiert.

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