Dard-E-Ishq
ओ पूछते हो तुम कितना चाहते तुम्हें
ये ना बता पाएंगे तुम्हें
पूछके तो देख तेरे दिल से यहीं
मेरी मोहब्बत कोई हिसाब नहीं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
बस तू हक़ीम हैं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
कोई इलाज़ नहीं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
बस तू हक़ीम हैं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
कोई इलाज़ नहीं
तेरी लत जो लगी छूटती ही नहीं
तुजो नहीं तो मेरा कुछ भी नहीं
तुझसे गुजारिश हैं ये बनके मेरी वफ़ा
मेरे आसमां की बने तू ज़मीन
पूछके तो देख तेरे दिल से यहीं
मेरी मोहब्बत का कोई हिसाब नहीं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
बस तू हक़ीम हैं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
कोई इलाज़ नहीं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
बस तू हक़ीम हैं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
कोई इलाज़ नहीं ओ
अगर सौ दिल मेरे होते सारे ही तेरे होते
बेफ़िक्र में रहता में होके तेरा
दूर दूर रहके भी तू मेरे पास पास रहती हैं
रह ना पाउँगा में तुझसे होक जुदा
पूछके तो देख तेरे दिल से यहीं
मेरी मोहब्बत का कोई हिसाब नहीं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
बस तू हक़ीम हैं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
कोई इलाज़ नहीं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
बस तू हक़ीम हैं
मेरे दर्द ऐ इश्क़ का
कोई इलाज़ नहीं ओ