Junoon

LAVRAJ, HITESH MODAK

मेरी ये नज़र पे जुनून सा
मेरी रागो में लहू सा
बहता है देश मेरा
तेरे लिए जो मर जाए
हम क्या है देश मेरा

कुछ भी ना मैने किया है
तेरा ही तुझको दिया है
कैसा वो मज़हब जिसने घिले है
नाम पे जिसने झखम दिए है
मेरी ये नज़र पे जुनून सा

वो है रब्ब, वो है नबी
वो राम है
उसके नाम पे फिर कैसी जंग है
क़ौम के सब रंग साथ तिरंगे पे मेरे
कैसे जुड़ा फिर दो कौमो के रंग है

जो बीट गयी वो बात गयी
ये दौर नया है नया जहाँ
आब मज़हब की दीवार ना हो
नफ़रत का रहे ना कोई निशान
हम ही से बनता वतन है
हमसे है और हम्ही में
रहता है देश मेरा
कुछ भी ना मैने किया है
तेरा ही तुझको दिया है
कैसा वो मज़हब जिसने घिरे है
नाम पे जिसने झखम मिले है
मेरी ये नज़र पे ह्म
मेरी रागो में ह्म
बहता है देश

Wissenswertes über das Lied Junoon von Javed Ali

Wer hat das Lied “Junoon” von Javed Ali komponiert?
Das Lied “Junoon” von Javed Ali wurde von LAVRAJ, HITESH MODAK komponiert.

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