Khamoshiya

SHABBIR AHMED, AMJAD, NADEEM

आ आ आ आ
क्यूँ हैं खामोश समंदर
क्यूँ ना हैं परिंदो में शोर
ये चाहत की कश्ती ले जाए किस और
रास्ते चुप हैं और चुप हैं फ़िज़्ज़ा
ना चहेल ना पहेल और घूँसूँ निगाह
रास्ते चुप हैं और चुप हैं फ़िज़्ज़ा
ना चहेल ना पहेल और घूँसूँ निगाह
सारे खामोश सब बेजुबान
खामोशिया हैं खामोशिया
मिलो हैं फेली खामोशिया
खामोशिया हैं खामोशिया
मिलो हैं फेली खामोशिया

ओ कैसा मुझे रिश्ता लगे नया आ
कैसा मुझे रिश्ता लगे नया
केफियत कैसे करूँ बया
चारो दिशा में तुझको
मैं ढूंढता फिरता हूँ
सजदे में तेरे खुदा मैं
शुक्र अदा करता हूँ
सारे खामोश सब बेजुबान
खामोशिया हैं खामोशिया
मिलो हैं फेली खामोशिया
खामोशिया हैं खामोशिया
मिलो हैं फेली खामोशिया

छूने से मैं तो बिखर गया आ
छूने से मैं तो बिखर गया
मोम सा जल के पीगल गया
ये इश्क़ मुझको रब्बा
किस मोड़ लेकर आया
गूंगे हैं बहरे रस्ते
कोशो हैं घम का साया
सारे खामोश हैं सब बेजुबान
खामोशिया हैं खामोशिया
मिलो हैं फेली खामोशिया
खामोशिया हैं खामोशिया
मिलो हैं फेली खामोशिया

कैसा खुदा हैं छीनी खुशी मेरी हो
कैसा खुदा हैं छीनी खुशी मेरी
दुनिया तेरी मर्ज़ी चले तेरी
कोई दवाना दुआए
काम मेरे अब आए
तू ही बता दे मुझ को
अब किस की चौखट जाए
सारे खामोश सब बेजुबान
खामोशिया हैं खामोशिया(ओ)
मिलो हैं फेली खामोशिया(ओ)
खामोशिया हैं खामोशिया(ओ)
मिलो हैं फेली खामोशिया(ओ)
खामोशिया हैं खामोशिया(ओ)
मिलो हैं फेली खामोशिया(ओ)

Wissenswertes über das Lied Khamoshiya von Javed Ali

Wer hat das Lied “Khamoshiya” von Javed Ali komponiert?
Das Lied “Khamoshiya” von Javed Ali wurde von SHABBIR AHMED, AMJAD, NADEEM komponiert.

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