Komuram Bheemudo
हे माँ जिस धरती ने तुझे जनना हैं
जिस हरयाली से साँस मिलती हैं
पहचान देने वाली कोण जाती दिल से तुजे
पुकार रही हैं सुन्न रहा है क्या?
कोमुरम भीमुङो
कोमुरम भीमुङो
सूरज के शोलों से
मिलना है तुझको
मिलना है तुझको
कोमुरम भीमुङो
कोमुरम भीमुङो
रग रग की ज्वाला सा
जलना है तुझको
जलना है तुझको
ज़ुल्मी के पैरों में
कुचला रहा हाँ
शाखों से टूटा तू
पत्ता नहीं वो, पत्ता नहीं वो
ज़ुल्मी की चौखट को
घर जो कहा हाँ
फिर ये जनम तेरा
सच्चा नहीं हो सच्चा नहीं हो
कोमुरम भीमुङो
कोमुरम भीमुङो
सूरज के शोलों से
मिलना है तुझको
मिलना है तुझको
चाबुक चला लो ये
100-100 दफा हाँ
ये खून बाघी है
ये कब डरा हाँ
इक भी जो आँखों से
आंसू गिरा ना
माटी से टूटा ये
धागा वही हो
धागा वही हो
कोमुरम भीमुङो
कोमुरम भीमुङो
सूरज के शोलों से
मिलना है तुझको
मिलना है तुझको
नदिया सा बहता वो
दिल का तू लोहू
नदिया सा बहता वो
दिल का तू लोहू
धरती माँ सुनती
वो सरगम है लोहू
माथे का है माँ के
चंदन ये लोहू
दिल के पर्वत ध्वज
लहराता ये लोहू
कोमुरम भीमुङो
कोमुरम भीमुङो
माटी में मिलके ही
जीना है तुझको कोमुरम भीमुङो