Paapnashini Ganga
""नामों में तेरा नाम बड़ा हर युग में तेरा काम बड़ा,
हो कोई धाम कोई तीरथतीर्थों में तेरा धाम ब़ड़ा,
मन मन निवासिनी है गंगेतू पाप नाशिनी है गंगे
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(ब्रह्मा का कमण्डल भवन तुम्हारा
( श्रीहरि के नख को तुमने पखारा )
श्रीहरि के नख से जन्म तेरा
ब्रह्मा का कमंडल भवन तेरा
तू शिव की जटा पे उतारी गई
फिर भागीरथी तू पुकारी गई
मन मन निवासिनी है गंगेतू पाप नाशिनी है गंगे
थे साठ हज़ार सगर वंशी
मुनि शाप से उनकी चिता जली
उनका तूने उद्धार किया
तेरी धारा ने उनको मोक्ष दिया
मन मन निवासिनी है गंगेतू पाप नाशिनी है गंगे
हो दानव, मानव, देव कोई
पापी जब द्वार पे आता है ,
गोमुख से गंगा सागर तक
उद्धार sabka हो जाता है
मन मन निवासिनी है गंगेतू पाप नाशिनी है गंगे""