Nafrat Ke Age Na Jhukab
रात करीय होखे कतनो, भोर रूकले ना रुकी
रात करीय होखे कतनो, प्रीत के रही क़बो
नफ़्राट के आगे ना झूकी, रात करीय होखे कतनो,
भोर रूकले ना रुकी, रात करीय होखे कतनो,
तू कहेला थाती टोहरे भोजपुरी परम्परा
हम कहिला धरती हामरे और सागरी अम्बरा
तू कहेला थाती टोहरे भोजपुरी परम्परा
हम कहिला धरती हामरे और सागरी अम्बरा
अमर ज्योति के दिया ई भूँक मर्ले ना बूटी
तू कहेला थाती टोहरे भोजपुरी परम्परा
हम कहिला धरती हामरे और सागरी अम्बरा
रात करीय होखे कतनो, भोर रूकले ना रुकी
गीत गवल सुनके हमरो तू जगल महकल करेला
कहेला कमजोर औरत पर तू दुर्गा से डरेला
हम पवन के बैग हई पटियाँ ई कहिया सूझी
अपना मन के कल्पना के अब तनी आराम दाँ
संकुचित दुर्भावनवा के अब तनी विराम दाँ
कही ले तू रावल कर्बा हुक कहिया ले उठी
रात करीय होखे कतनो भोर रूकले ना रुकी
प्रीत के रही क़बो नफ़्राट के आगे ना झूकी