Naya [1 Min Music]
Sameer Rahat
अजादिओं में ढल चुकी हूँ पूरी
तो क्या
सुलझा रही खुद हर एक पहेली
तो क्या तो क्या
सवाल पे सवाल तो तेरे हे
पर जवाब कुछ नहीं
छोटी छोटी बातों का जो रखते थे हिसाब
ऐसी किताब अब नहीं
तू नहीं तो क्या सफर हे नया
मंजर हे नया नया नया
तू नहीं तो क्या सुकून हे नया
ये घर हे नया नया नया