Pari

Ali Raza, Bilal Ali, Shane J. Anthony, Usman Siddiqui, Zair Zaki, Vais Khan

अभी साँस है बाकी
फिर भी तू खुश नही
कोई बहता आँसू
पर दिल की चोट तेरी
मायूस ना हो ए परी
मायूस ना हो ए परी

दुनिया पहले से रंगीन हो ना पाएगी
दुनिया पहले से रंगीन हो ना पाएगी
खो जाओ इस में कहीं
खुशियाँ खुद ही आजाएँगी
मायूस ना हो ए परी
मायूस ना हो ए परी

खुद में कहीं खोया तू हो ओ
रात और दिन रोया तू
सारे वो दिन भुला दूँगा मैं
सारे वो घम मिटा दूँगा मैं

जादू की छड़ी तेरी कब काम आएगी
जादू की छड़ी तेरी कब काम आएगी
घुमा दो ना इसको अभी
मिलते हैं बचपन में ही कहीं
मायूस ना हो ए परी
मायूस ना हो ए परी
मायूस ना हो ए परी

Wissenswertes über das Lied Pari von Kashmir

Wer hat das Lied “Pari” von Kashmir komponiert?
Das Lied “Pari” von Kashmir wurde von Ali Raza, Bilal Ali, Shane J. Anthony, Usman Siddiqui, Zair Zaki, Vais Khan komponiert.

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