Bikhra [Lofi]

ABDUL HANNAN

देख ले तू
आजज़ई ये मेरी
आज भी मैं
तेरा यहीं
आरज़ू जो
तेरी होने लगी
होशों में
रहता नही
ना जाने क्यूँ तू ही तू
दिल में बस्सा हाए
तेरे बिना क्या जियूं
बिखरा ये मॅन क्या सितम
तू ने है ढाए फिर भी मै कुछ ना कहूँ
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
ये तो बता क्या हाए मुब्तला
मेरी नज़र के शिकार मे
ये तो पता तुझे हाए भल्ला सब हाए तेरे इकतियार में
जान ले तू
बदल भी जायें सभी
मै रहूँगा
इक सा यहीं
ना जाने क्यूँ तू ही तू
दिल में बस्सा हाए
तेरे बिना क्या जियूं
बिखरा ये मन क्या सितम
तू ने है ढाए
फिर भी मै कुछ ना कहूँ

ना जाने क्यूँ तू ही तू
दिल में बस्सा हाए
तेरे बिना क्या जियूं
बिखरा ये मॅन क्या सितम
तू ने है ढाए
फिर भी मै कुछ ना कहूँ
ना जाने क्यूँ
दिल में तू क्यूँ
ना जाने क्यूँ
इक तू ही तू
ना जाने क्यूँ
ह्म्‍म्म्म
फिर भी मै कुछ ना कहूँ

Wissenswertes über das Lied Bikhra [Lofi] von Kaushal Shekhawat

Wer hat das Lied “Bikhra [Lofi]” von Kaushal Shekhawat komponiert?
Das Lied “Bikhra [Lofi]” von Kaushal Shekhawat wurde von ABDUL HANNAN komponiert.

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