Lab Pe Aati Hai

Muhammed Iqbal

किसी और से मांगू क्या
बस तुझसे फरियाद हे
रहमतें हे सब तुझसे ही
करता तू ही आबाद है

लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी
ज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी

हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत
हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब

ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब (ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब)
इल्म की शम्मा से हो मुझको मोहब्ब्त या रब

इल्म की शम्मा से हो मुझको मोहब्ब्त या रब (इल्म की शम्मा से हो मुझको मोहब्ब्त या रब)

हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना

हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना (हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना)

दर्दमंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना

दर्दमंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना (दर्दमंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना)

मेरे अल्ला आ आ आ आ आ आ
मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको

मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको (मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको)

नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझको

मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको (मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको)
नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझको (नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझको)
लब पे आती है दुआ बन के (मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको)
तमन्ना मेरी (नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझको)

ज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी मेरी मेरी

Wissenswertes über das Lied Lab Pe Aati Hai von Khan

Wer hat das Lied “Lab Pe Aati Hai” von Khan komponiert?
Das Lied “Lab Pe Aati Hai” von Khan wurde von Muhammed Iqbal komponiert.

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