Bin Tum

Gourov Dasgupta, Panchhi Jalonvi

आँखों में इंतज़ार के बादल बरस गये
आँखों में इंतज़ार के बादल बरस गये (बरस गये)
हम देखने को आपका चेहरा तरस गये
बिन तुम गुमसुम होने लगे
जाने किस दुनिया में खोने लगे
बिन तुम गुमसुम होने लगे
जाने किस दुनिया में खोने लगे
आँखों में इंतज़ार के बादल बरस गये

रेशम से दिल के ये रिस्ते, रिश्तो की नाज़ुक डोर
इस डोर पे जानेजाना चलता नही कोई ज़ोर
तुझे ढूंडती है नज़रें, ज़रा सामने तो आ
बेबस है दिल ये मेरा, दिल थामने तो आ
सारे जहाँ में तुम हमें तन्हा सा कर गये
बिन तुम गुमसुम होने लगे
जाने किस दुनिया में खोने लगे
बिन तुम गुमसुम होने लगे
जाने किस दुनिया में खोने लगे
आँखों में इंतज़ार के बादल बरस गये (बरस गये)
आँखों में इंतज़ार के बादल बरस गये

भीगी भीगी लगती है रातें
दिलबर तेरी याद में
तू ही छुपा रहता है शायद
मेरी हर फरियाद में
तू करीब दिल के इतना, है मेहर्बा मेरे
मैं सुनू तेरी वो बातें, जो मन में तू कहें
किस दर जान देखो तुम मेरी
धड़कन में बस गये
बिन तुम गुमसुम होने लगे
जाने किस दुनिया में खोने लगे
बिन तुम गुमसुम होने लगे
जाने किस दुनिया में खोने लगे
आँखों में इंतज़ार के बादल बरस गये (बरस गये)
आँखों में इंतज़ार के बादल बरस गये

Wissenswertes über das Lied Bin Tum von K.K.

Wer hat das Lied “Bin Tum” von K.K. komponiert?
Das Lied “Bin Tum” von K.K. wurde von Gourov Dasgupta, Panchhi Jalonvi komponiert.

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