Dil bhi rone laga

Kumar

दो दिन भी नही हुए
तुमको गये हुए
दर्द बेहिसाब होने लगा
दो दिन भी नही हुए
तुमको गये हुए
दर्द बेहिसाब होने लगा
आँखें तो रोती है अक्सर
आँखें तो रोती है अक्सर
दिल भी रोने लगा
दो दिन भी नही हुए
तुमको गये हुए
दर्द बेहिसाब होने लगा
दर्द बेहिसाब होने लगा

ओ दुनिया से आज कल
कम बात होती है
खामोशियों में दिन
और रात होती है
ऐसा क्यूँ लगता है हर पल
ऐसा क्यूँ लगता है हर पल
मैं तुझे खोने लगा हां
दो दिन भी नही हुए
तुमको गये हुए
दर्द बेहिसाब होने लगा

ओ तन्हा तेरी यादों की
पनाहो में बैठ कर
दिन रात बस एक तेरी
राहों में बैठ कर
तेरे इंतेज़ार वाले में
तेरे इंतेज़ार वाले में
लम्हे पिरोने लगा
दो दिन भी नही हुए
तुमको गये हुए
दर्द बेहिसाब होने लगा

Wissenswertes über das Lied Dil bhi rone laga von Kumar Sanu

Wer hat das Lied “Dil bhi rone laga” von Kumar Sanu komponiert?
Das Lied “Dil bhi rone laga” von Kumar Sanu wurde von Kumar komponiert.

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