Kabhi Kuchh Khoya
आज हमने सबक वो पद डाला
जिसको दुनिया किताब कहती हैं
और एक ऐसा कम कर डाला
जिसको दुनिया हिसाब कहती हैं
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
जब पा लिया खुश हो गये
जब खो दिया दिल रो दिया
इसी खोने पाने का नाम ज़िंदगी हैं
बिना खोए पाए नाकाम ज़िंदगी हैं
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
जब पा लिया खुश हो गये
जब खो दिया दिल रो दिया
इसी खोने पाने का नाम ज़िंदगी हैं
बिना खोए पाए नाकाम ज़िंदगी हैं
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
जमाने ने जो कुछ भी हमकोडिया
सरखो पे हमने उसे रख लिया
कभी ये ना सोचा बुरा के भला
सदा खुश रहे सब यहीं हैं दुआ
वोही हमने कटा जो हमने था बोया
जब पा लिया खुश हो गये
जब खो दिया दिल रो दिया
इसी खोने पाने का नाम ज़िंदगी हैं
बिना खोए पाए नाकाम ज़िंदगी हैं
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
मेरा हमसफ़र भी कही खो गया
बताओ भला हम करे भी तो क्या
कोई हमसे आके ज़रा सिखले
हैं मार मार के जीने में कैसा मज़ा
वोही हमने कटा जो हमने था बोया
जब पा लिया खुश हो गये
जब खो दिया दिल रो दिया
इसी खोने पाने का नाम ज़िंदगी हैं
बीना खोए पाए नाकाम ज़िंदगी हैं
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
हमे ज़िंदगी की नज़र लग गयी
नहीं जीने की अब कोई हसरत रही
हम अपने लाबो से लिखेंगे कभी
वोही दस्ता लिख सका ना कोई
वोही हमने कटा जो हमने था बोया
जब पा लिया खुश हो गये
जब खो दिया दिल रो दिया
इसी खोने पाने का नाम ज़िंदगी हैं
बिना खोए पाए नाकाम ज़िंदगी हैं
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया
कभी कुछ खोया कभी कुछ पाया