Mujhko Tum

Pandit K. Razdan

मुझको तुम बरखा ना समझो
आग का दरिया हूँ मैं
मुझको तुम बरखा ना समझो
आग का दरिया हूँ मैं
ये तो मझबूरी हैं अपने
आप मैं झलता हूँ मैं
मुझको तुम बरखा ना समझो

यूँ तो दी मेरे खुदा ने
मूहको सारी नीमते
यूँ तो दी मेरे खुदा ने
मूहको सारी नीमते
मूहको सारी नीमते
एक तुम्हारे ही तबसूम
के लिए तरसा हूँ मैं
एक तुम्हारे ही तबसूम
के लिए तरसा हूँ मैं
मुझको तुम बरखा ना समझो

तुम किसी भी बात का
हरगीज़ बुरा मत माना ना
तुम किसी भी बात का
हरगीज़ बुरा मत माना ना
हरगीज़ बुरा मत माना ना
जो भी कहता हूँ किसी से
आदतन कहता हूँ मैं
जो भी कहता हूँ किसी से
आदतन कहता हूँ मैं
मुझको तुम बरखा ना समझो

हाले दिल क्यूँ पुचछटे हैं
लोग मुहसे बार बार
हाले दिल क्यूँ पुचछटे हैं
लोग मुहसे बार बार
लोग मुहसे बार बार
कह चुका हूँ अच्छे अच्चो
से बहोट अच्छा हूँ मैं
कह चुका हूँ अच्छे अच्चो
से बहोट अच्छा हूँ मैं
मुझको तुम बरखा ना समझो

दोस्तो की दुश्मनी और
दुश्मनो की दोस्ती
दोस्तो की दुश्मनी और
दुश्मनो की दोस्ती
दुश्मनो की दोस्ती
जाने किस किस मोड़ से
कैसे निकल आया हूँ मैं
जाने किस किस मोड़ से
कैसे निकल आया हूँ मैं
मुझको तुम बरखा ना समझो
आग का दरिया हूँ मैं
ये तो मझबूरी हैं अपने
आप मैं झलता हूँ मैं
मुझको तुम बरखा ना समझो

Wissenswertes über das Lied Mujhko Tum von Manhar Udhas

Wer hat das Lied “Mujhko Tum” von Manhar Udhas komponiert?
Das Lied “Mujhko Tum” von Manhar Udhas wurde von Pandit K. Razdan komponiert.

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