Ik Mulaqaat [Remix]

Shabbir Ahmed

आ आ आ आ
मैं भी हूँ तू भी है आमने सामने
दिल को बहका दिया इश्क के जाम ने

मैं भी हूँ तू भी है आमने सामने
दिल को बहका दिया इश्क के जाम ने
मुसलसल नज़र बरसती रही
तरसते हैं हम भीगे बरसात में
इक मुलाक़ात
इक मुलाक़ात में बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना गज़ब हो गया
कल तलक वो जो मेरे ख्यालों में थे
रूबरू उनका आना गज़ब हो गया
मोहब्बत की पहली मुलाक़ात का
असर देखो ना जाने कब हो गया
इक मुलाक़ात में बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना गज़ब हो गया

हमसफर हरसफर मै तेरी हि कमी है
दिल तेरा हि तो है मेरे हद की जमि है
हमदर्द तू मेरी वाकीफ कही है
करीब देख आखो की नमी
क्यूँ ख्यालों में कुछ बर्फ सी गिर रही
रेत की ख्वाहिशों में नमी भर रही
मुसलसल नज़र बरसती रही तरसते हैं हम भीगे बरसात में
इक मुलाकात
इक मुलाकात मै
बात हि बात मै
उनका यु मुस्कुराना गजब हो गया
कल तलक वो जो
मेरे खायलो मै थे
रूबरू उनका आणा गजब हो गया

मोहब्बत की पेहेली मुलाकात का
असर देखो ना जानो कब हो गया
इक मुलाकात मै
बात हि बात मै
उनका यु मुस्कुराना गजब हो गया

Wissenswertes über das Lied Ik Mulaqaat [Remix] von Meet Bros

Wer hat das Lied “Ik Mulaqaat [Remix]” von Meet Bros komponiert?
Das Lied “Ik Mulaqaat [Remix]” von Meet Bros wurde von Shabbir Ahmed komponiert.

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