Jashne Bahara [Lofi Flip]
कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
फूल से खुशबू ख़फ़ा ख़फ़ा है गुलशन में
छुपा है कोई रंज फिज़ा की चिलमन में
सारे सहमे नज़ारे हैं सोये सोये वक्त के धारे हैं
और दिल में खोई खोई सी बातें हैं हो ओ
कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
फूल से खुशबू ख़फ़ा ख़फ़ा है गुलशन में
छुपा है कोई रंज फिज़ा की चिलमन में
कैसे कहें क्या है सितम सोचते हैं अब ये हम
कोई कैसे कहे वो हैं या नहीं हमारे
करते तो हैं साथ सफ़र
फ़ासले हैं फ़िर भी मगर
जैसे मिलते नहीं किसी दरिया के दो किनारे
पास हैं फ़िर भी पास नहीं
अब तो ये गम रास नहीं
शीश की इक दीवार है जैसे दरमियाँ
कहने को जश्ने बहारा है
इश्क़ ये देख के हैराँ है
फूल से खुशबू ख़फ़ा ख़फ़ा है गुलशन में
छुपा है कोई रंज फिज़ा की चिलमन में