Apne Biwi Bachchon Ke

SAMEER, ANAND MILIND

अपने बीवी बच्चों के करीब हूँ
अपने बीवी बच्चों के करीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
अपने बीवी बच्चो के करीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ

अपने पिया और बच्चों के करीब हूँ
अपने पिया और बच्चों के करीब हूँ
मैं दुनिया में कितनी खुशनसीब हूँ
मैं दुनिया में कितनी खुशनसीब हूँ

मंदिर जैसा घर हैं अपना
घर में हुवा हैं सच हर सपना
मंदिर जैसा घर हैं अपना
घर में हुवा हैं सच हर सपना
जब भी मैं बाहर से घर में आता हूँ
दुनिया के सारे ग़म भूल जाता हूँ
दूर भला हम कैसे रहेंगे
तू मेरा और मैं तेरा नसीब हूँ
तू मेरा और मैं तेरा नसीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ

मुझपे बड़ा अहसान किया हैं
सब कुछ मुझको रब ने दिया हैं
मुझपे बड़ा अहसान किया हैं
सब कुछ मुझको रब ने दिया हैं
मुझको किसी से कोई शिकवा न गिला
मैंने जो कुछ माँगा मुझको हैं मिला
प्यार की दौलत मुझको मिली है
कौन कहेगा मुझको मैं गरीब हूँ
कौन कहेगा मुझको मैं गरीब हूँ
मैं दुनिया में कितनी खुशनसीब हूँ
मैं दुनिया में कितनी खुशनसीब हूँ

चाहे फ़लक हो चाहे जामि हो
तेरे बिना नहीं जीना
ये दुनिया हो या वो जहा हो
बिछड़ेंगे हम तो कही न
मेरे जीवन साथी साथ हमें हैँ रहना
सुख दुःख हम दोनों को
अब तो संग संग सहना
मुझसे जो तुझको दूर करेगा
मैं उसका सबसे बड़ा रक़ीब हूँ
मैं उसका सबसे बड़ा रक़ीब हूँ
मैं दुनिया में कितनी खुशनसीब हूँ
मैं दुनिया में कितनी खुशनसीब हूँ
अपने बीवी बच्चो के करीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ
मैं दुनिया में सबसे खुशनसीब हूँ

Wissenswertes über das Lied Apne Biwi Bachchon Ke von Mohammed Aziz

Wer hat das Lied “Apne Biwi Bachchon Ke” von Mohammed Aziz komponiert?
Das Lied “Apne Biwi Bachchon Ke” von Mohammed Aziz wurde von SAMEER, ANAND MILIND komponiert.

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