Fanah Kar

Arun Sharma

रा रा रा रा रे
रे रे रे रे रा
आ आ आ

मेरी जान मुझको गले से लगा ले
तेरी बाहो में मुझको अब तू पनाह दे
तेरी चाहतों की वफ़ा है ये मुझपे सनम

हो दिल की नमज़ों में तुझको अदा करूँ
तेरी मोहब्बत में खुद को फ़ना करूँ
तेरे लबो पे है ठहरा मेरा जो वहम
इश्क़ में ज़रूरी नही बातें ये अधूरी सही
तुझको ही तो माना है खुदा (ओ खुदा)

हर लम्हा बस तेरी आरज़ू है
मुझको ओ जाने जाना
तुझमे ही बस पाया है खुदा(ओ खुदा)

इश्क़ में ज़रूरी नही
बातें ये अधूरी सही
तुझको ही तो माना है खुदा

हर लम्हा बस तेरी आरज़ू है(आ आ)
मुझको ओ जाने जाना(आ आ)
तुझमे ही बस पाया है खुदा (आ आ)

आ आ आ आ आ ए खुदा आ आ

तू जो मिला खुदा मिल गया
तू जो मिला तो जहाँ मिल गया
तुने ना जाना मेरी दिल्लगी को सनम
आ आ तुझसे जुड़ी हर वफ़ा मिल गयी
चेहरे की कोई हसी मिल गयी
तुने ना जाना मेरी बेबसी को सनम

आ आ इश्क़ में ज़रूरी नही (आ आ)
बातें ये अधूरी सही (आ आ)
तुझको ही तो माना है खुदा (आ आ) (ओ खुदा)
हर लम्हा बस तेरी आरज़ू है
मुझको ओ जाने जाना
तुझमे ही बस पाया है खुदा

इश्क़ में ज़रूरी नही
बातें ये अधूरी सही
तुझको ही तो माना है खुदा

हर लम्हा बस तेरी आरज़ू है (आ आ)
मुझको ओ जाने जाना (आ आ)
तुझमे ही बस पाया है खुदा (आ आ)

आ आ आ आ ए खुदा आ आ

तू है तंमना तू ही आरज़ू
तुझसे हूँ मैं और मुझसे है तू
तुने ही मुझको दिया है नया ये जनम
आ बादल सा तेरी हवा में चलूं
सांसो में तेरी मैं ज़िंदा रहू
तेरा बिना जीना सोचूँ तो निकले है दम

हाँ इश्क़ में ज़रूरी नही
बातें ये अधूरी सही
तुझको ही तो माना है खुदा
हर लम्हा बस तेरी आरज़ू है (ओ खुदा)
मुझको ओ जाने जाना
तुझमे ही बस पाया है खुदा (ओ खुदा)

इश्क़ में ज़रूरी नही (आ आ)
बातें ये अधूरी सही (आ आ)
तुझको ही तो माना है खुदा (आ आ)

हर लम्हा बस तेरी आरज़ू है (आ आ)
मुझको ओ जाने जाना (आ आ)
तुझमे ही बस पाया है खुदा (आ आ)
आ आ

Wissenswertes über das Lied Fanah Kar von Mohammed Irfan

Wer hat das Lied “Fanah Kar” von Mohammed Irfan komponiert?
Das Lied “Fanah Kar” von Mohammed Irfan wurde von Arun Sharma komponiert.

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