Chaudhvin Ka Chand Ho [Male]

RAVI, SHAKEEL BADAYUNI

हुं हुं हुं हुं
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो

जुल्फ़ें हैं जैसे कांधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुए
मस्ती हैं जिसमे प्यार की तुम वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो

चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
या जिंदगी के साज़ पे छेड़ी हुई गज़ल
जाने बहार तुम किसी शायर का ख़्वाब हो
चौदहवीं का चाँद हो

होंठों पर खेलती हैं तब्बसुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कहकशां
दुनिया ए हुस्नों इश्क़ का तुम ही शबाब हो
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो

Wissenswertes über das Lied Chaudhvin Ka Chand Ho [Male] von Mohammed Rafi

Wann wurde das Lied “Chaudhvin Ka Chand Ho [Male]” von Mohammed Rafi veröffentlicht?
Das Lied Chaudhvin Ka Chand Ho [Male] wurde im Jahr 2022, auf dem Album “Best of Guru Dutt Songs” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Chaudhvin Ka Chand Ho [Male]” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Chaudhvin Ka Chand Ho [Male]” von Mohammed Rafi wurde von RAVI, SHAKEEL BADAYUNI komponiert.

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