Musafir

Mohit Chauhan

हम तुम थे मुसाफिर
बन गये हुंसफर
तुमको दिल ने चाहा
मिलते ही नज़र
बनके हवा च्छू गये
होश मेरे खो गये
अब तेरे सिवा कोई नही
ना जुड़ा होंगे हम कभी
हम तुम थे मुसाफिर

तुमने मेरे दिल पे जो लिख दिए
अल्फ़ाज़ वो गीत बन गये
तुमने मेरे दिल पे जो लिख दिए
अल्फ़ाज़ वो गीत बन गये

दे रही है सदायें तुमको जाने जाना
की तुम हो मेरे, हो मेरे

हम तुम थे मुसाफिर
बन गये हुंसफर
तुमको दिल ने चाहा
मिलते ही नज़र

आवाज़ दे कर मुझे च्छू लिया
घुलने लगी है यह खामोसियान
आवाज़ दे कर मुझे च्छू लिया
घुलने लगी है यह खामोसियान

दे रही है सदायें तुमको जाने जाना
की तुम हो मेरे, हो मेरे

Wissenswertes über das Lied Musafir von Mohit Chauhan

Wann wurde das Lied “Musafir” von Mohit Chauhan veröffentlicht?
Das Lied Musafir wurde im Jahr 2009, auf dem Album “Fitoor” veröffentlicht.

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