Rafta Rafta Woh Meri Hasti Ka Saman Ho Gaye

Taslim Fazli

रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए
रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए
पहले जां, फिर जान-ए-जां
फिर जान-ए-जाना हो गए
रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए

दिन-ब-दिन बढ़ती गईं, उस हुस्न की रानाइयां
दिन-ब-दिन बढ़ती गईं, उस हुस्न की रानाइयां
पहले गुल, फिर गुलबदन, फिर गुलबदाना हो गए
रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए

आप तो नज़दीक से, नज़दीकतर आते गए
आप तो नज़दीक से, नज़दीकतर आते गए
पहले दिल, फिर दिलरुबा, फिर दिल के महमां हो गए
रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए

प्यार जब हद से बढ़ा, सारे तकल्लुफ़ मिट गए
प्यार जब हद से बढ़ा, सारे तकल्लुफ़ मिट गए
आप से फिर तुम हुए, फिर तू का उनवा हो गए
रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए
पहले जां, फिर जान-ए-जां
फिर जान-ए-जाना हो गए
रफ़्ता रफ़्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गए

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