Yaad Aaye Woh Din
याद आए वो दिन जाने क्यों तेरे बिन
आजकल ज़िंदगी लग रही आज्नाबी
याद आए वो दिन जाने क्यों तेरे बिन
आजकल ज़िंदगी लग रही आज्नाबी
ऐसे हालात में कोई कैसे जीए
एक ख़ुसी के लिए कितने आशु पिए
कितने आशु पिए कितने आशु पिए
एक ख़ुसी के लिए कितने आशु पिए
जाने क्या सोच कर
मेरी आँख भरने लगी
यह फ़िज़ा मुझसे क्यूँ
तेरी बात कारने लगी
पोछते है यह
मंज़र काहु इनसे क्या
प्यार के नाम पेर
तूने धोके दिए
कितने आशु पिए कितने आशु पिए
एक ख़ुसी के लिए कितने आशु पिए
शाम ए गुम आते ही
तेरी याद आए मुझे
उमर भर यह वफ़ा
यूँ ही आज़माए मुझे
कोई शिकवा नही तुझसे जा बेवफा
भूल जौंगा जो तूने वादे किए
कितने आशु पिए कितने आशु पिए
एक ख़ुसी के लिए कितने आशु पिए.