Jane Kahan Gaya Woh Din

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

जाने कहा गये वो दिन, कहते थे तेरी राह मे
नज़रो को हम बिच्छाएंगे
चाहे कही भी तुम रहो, चाहेंगे तुमको उम्र भर
तुमको ना भूल पाएँगे

अपनी नज़र मे आज कल, दिन भी अंधेरी रात है
अपनी नज़र मे आज कल, दिन भी अंधेरी रात है
साया ही अपने साथ था, साया ही अपने साथ है
जाने कहा गये वो दिन, कहते थे तेरी राह मे
नज़रो को हम बिच्छाएंगे
चाहे कही भी तुम रहो, चाहेंगे तुमको उम्र भर
तुमको ना भूल पाएँगे

इस दिल के आशियान में बस उनके ख़याल रह गये
इस दिल के आशियान में बस उनके ख़याल रह गये
तोड़ के दिल वो चल दिये, हम फिर अकेले रह गये
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह मे
नज़रो को हम बिच्छाएंगे
जाने कहाँ गए वो दिन

Wissenswertes über das Lied Jane Kahan Gaya Woh Din von Nitin Mukesh

Wer hat das Lied “Jane Kahan Gaya Woh Din” von Nitin Mukesh komponiert?
Das Lied “Jane Kahan Gaya Woh Din” von Nitin Mukesh wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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