Prem Ka Aisa Rang Chadha
प्रेम का ऐसा रंग चढ़ा
दोनों रंग जाएँ एक ही रंग
प्रीत के धागों से ख़ुद को
बाँध लें एक-दूजे के संग
मन मेरा चाहे बस ये ही, पूरा हो सपना
१०० जन्मों से भी आगे तक साथ रहे अपना
हर पग यूँ ही तू मिला के रखना
ख़ुशियों के दीए जला के रखना
तेरा साया बन के चलना है मुझे
मेरा साया बन के तू भी चलना
मूरत जो है बनाई दिल से
आओ, मिल के सजा दें इसे
ख़ुशबू है ये तो अपनेपन की
आओ, रिश्तों में मिला दें इसे
जिस तरह से चाहें वो मुझको
मैं उस तरह से उन्हें चाहूँ
गनगौर अपना हर एक दिन हो
माँगे हर सुबह
मन मेरा चाहे बस ये ही, पूरा हो सपना
१०० जन्मों से भी आगे तक साथ रहे अपना
हर पग यूँ ही तू मिला के रखना
ख़ुशियों के दीए जला के रखना
तेरा साया बन के चलना है मुझे
मेरा साया बन के तू भी चलना
छूटे ना कभी ये साथ अपना
गौरी-शंकर, हमें वर दो
बढ़ता ही जाए जो जीवन-भर
मन में वो प्रेम-धन भर दो
मुस्कुरा के देखें वो मुझको मैं मुस्कुरा के उन्हें देखूँ
मिल ही जाए हमको कहीं पे वो सोचें हम जिसे
मन मेरा चाहे बस ये ही, पूरा हो सपना
१०० जन्मों से भी आगे तक साथ रहे अपना
हर पग यूँ ही तू मिला के रखना
ख़ुशियों के दीए जला के रखना
तेरा साया बन के चलना है मुझे
मेरा साया बन के तू भी चलना
हर पग यूँ ही तू मिला के रखना
ख़ुशियों के दीए जला के रखना
तेरा साया बन के चलना है मुझे
मेरा साया बन के तू भी चलना