Do Ghadi Khwab Dikhaane Ke Liye

Pamela Singh

ज़िंदगी इश्स तरह बसर होती
हर खुशी मेरी हुंसफर होती
वो मेरे सफ़र की मंज़िल हैं
काश उनको भी ये खबर होती

दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं
दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं
वो भी अब मुझको रुलाने के लिए मिलते हैं
वो भी अब मुझको रुलाने के लिए मिलते हैं
दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं

ये ख़ज़ाना तो नही हैं के जिसे पास रखे
ये ख़ज़ाना तो नही हैं के जिसे पास रखे
अश्क आँखो को बहाने के लिए मिलते हैं
अश्क आँखो को बहाने के लिए मिलते हैं
वो भी अब मुझको रुलाने के लिए मिलते हैं
दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं

तेरा इंसाफ़ ख़ुदाया हैं कहाँ ये तो बट्टा
तेरा इंसाफ़ ख़ुदाया हैं कहाँ ये तो बट्टा
क्यूँ सखी मुझको सताने के लिए मिलते हैं
क्यूँ सखी मुझको सताने के लिए मिलते हैं
वो भी अब मुझको रुलाने के लिए मिलते हैं
दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं

दिल से दिल जिनसे मिला करता हैं अक्सर रही
दिल से दिल जिनसे मिला करता हैं अक्सर रही
क्यूँ वोही छ्चोड़ के जाने के लिए मिलते हैं
क्यूँ वोही छ्चोड़ के जाने के लिए मिलते हैं
वो भी अब मुझको रुलाने के लिए मिलते हैं
दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं
दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं
दो घड़ी ख्वाब दिखाने के लिए मिलते हैं

Wissenswertes über das Lied Do Ghadi Khwab Dikhaane Ke Liye von Pamela Singh

Wann wurde das Lied “Do Ghadi Khwab Dikhaane Ke Liye” von Pamela Singh veröffentlicht?
Das Lied Do Ghadi Khwab Dikhaane Ke Liye wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Alfaaz ( Words )” veröffentlicht.

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