Ek Husne Benaqab

Nafiez Alam

एक हुस्ने बेनकाब ने मुझसे कहा के पी
एक हुस्ने बेनकाब ने मुझसे कहा के पी
कल रात खुद शराब ने मुझसे कहा के पी
एक हुस्ने बेनकाब ने मुझसे कहा के पी

उसके बदन की शाख ने राह मेरी रोक ली
उसके बदन की शाख ने राह मेरी रोक ली
राह मेरी रोक ली
होंठो के दो गुलाब ने मुझसे कहा के पी
होंठो के दो गुलाब ने मुझसे कहा के पी
कल रात खुद शराब ने मुझसे कहा के पी
एक हुस्ने बेनकाब ने मुझसे कहा के पी

रुखसार लब निगाह बदन सब शराब थे
रुखसार लब निगाह बदन सब शराब थे
सब शराब थे
प्यासे हर एक खाब ने मुझसे कहा के पी
प्यासे हर एक खाब ने मुझसे कहा के पी
कल रात खुद शराब ने मुझसे कहा के पी
एक हुस्ने बेनकाब ने मुझसे कहा के पी

खुश्बू भरे वारक थे जो खुलते चले गये
खुश्बू भरे वारक थे जो खुलते चले गये
खुलते चले गये
मस्ती भरी किताब ने मुझसे कहा के पी
मस्ती भरी किताब ने मुझसे कहा के पी
कल रात खुद शराब ने मुझसे कहा के पी
एक हुस्ने बेनकाब ने मुझसे कहा के पी

Wissenswertes über das Lied Ek Husne Benaqab von Pankaj Udhas

Wann wurde das Lied “Ek Husne Benaqab” von Pankaj Udhas veröffentlicht?
Das Lied Ek Husne Benaqab wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Humnasheen” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Ek Husne Benaqab” von Pankaj Udhas komponiert?
Das Lied “Ek Husne Benaqab” von Pankaj Udhas wurde von Nafiez Alam komponiert.

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