Qudrat Ke Usoolon Mein

Hasti Mal Hasti

कुदरत के उसूलों में बदल क्यों नहीं होता
कुदरत के उसूलों में बदल क्यों नहीं होता
जो आज हुआ हैं वही कल क्यों नहीं होता
कुदरत के उसूलों में

हर झील में पानी हैं, हर एक झील में नहरे
हर झील में पानी हैं, हर एक झील में नहरे
हर एक झील में नहरे
फिर सबके मुक़्क़दर में
कंवल क्यों नहीं होता
फिर सबके मुक़्क़दर में
कंवल क्यों नहीं होता
जो आज हुआ हैं वही कल क्यों नहीं होता
कुदरत के उसूलों में

जब उस ने ही दुनिया का, ये दीवान लिखा हैं
जब उस ने ही दुनिया का, ये दीवान लिखा हैं
ये दीवान लिखा हैं
हर आदमी प्यारी सी ग़ज़ल क्यों नहीं होता
हर आदमी प्यारी सी ग़ज़ल क्यों नहीं होता
जो आज हुआ हैं वही कल क्यों नहीं होता
कुदरत के उसूलों में

हर बार ना मिलने की, कसम खाके मिलें हम
हर बार ना मिलने की, कसम खाके मिलें हम
क़सम ख़ाके मिलें हम
अपने ही इरादों पे अमल क्यों नहीं होता
अपने ही इरादों पे अमल क्यों नहीं होता
जो आज हुआ हैं वही कल क्यों नहीं होता
कुदरत के उसूलों में बदल क्यों नहीं होता
कुदरत के उसूलों में

Wissenswertes über das Lied Qudrat Ke Usoolon Mein von Pankaj Udhas

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Das Lied “Qudrat Ke Usoolon Mein” von Pankaj Udhas wurde von Hasti Mal Hasti komponiert.

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