Roz Mulaqatein Hoti Hain

Nusrat Badr

रोज मुलाक़ते होती हैं
बात नही हो पति हैं
रोज मुलाक़ते होती हैं
बात नही हो पति हैं
रोज मुलाक़ते होती हैं
बात नही हो पति हैं
वो पगली मुझसे मिलने
को सखियो के संग आती हैं
वो पगली मुझसे मिलने
को सखियो के संग आती हैं
ओ ओ ओ
रोज मुलाक़ते होती हैं
बात नही हो पति हैं
रोज मुलाक़ते होती हैं
बात नही हो पति हैं
वो पगली मुझसे मिलने
को सखियो के संग आती हैं
वो पगली मुझसे मिलने
को सखियो के संग आती हैं
ओ ओ ओ…

चंचल चल हीरनिया
जैसी भोली भली लगती हैं
रूप का सागर होकर भी
वो साधेपण से सजती हैं
चंचल चल हीरनिया
जैसी भोली भली लगती हैं
रूप का सागर होकर भी
वो साधेपण से सजती हैं
खिलकर फूल बिखर जाते हैं
वो आइसे मुस्काती हैं
खिलकर फूल बिखर जाते हैं
वो आइसे मुस्काती हैं
वो पगली मुझसे मिलने को
सखियो के संग आती हैं
वो पगली मुझसे मिलने को
सखियो के संग आती हैं
ओ ओ ओ…

उसकी पायल की चनछन से
मौसम रंग बदलते हैं
उसके बिंदिया की छम छम
से चाँद और तटारे जलते हैं
उसकी पायल की चनछन से
मौसम रंग बदलते हैं
उसके बिंदिया की छम छम से
चाँद और तटारे जलते हैं
ख्वाबो मे भी आ जाए
तो मेरी नींद उड़ती हैं
ख्वाबो मे भी आ जाए
तो मेरी नींद उड़ती हैं
वो पगली मुझसे मिलने को
सखियो के संग आती हैं
वो पगली मुझसे मिलने को
सखियो के संग आती हैं
रोज मुलाक़ते होती हैं
बात नही हो पति हैं
रोज मुलाक़ते होती हैं
बात नही हो पति हैं
वो पगली मुझसे मिलने
को सखियो के संग आती हैं
वो पगली मुझसे मिलने
को सखियो के संग आती हैं

Wissenswertes über das Lied Roz Mulaqatein Hoti Hain von Pankaj Udhas

Wer hat das Lied “Roz Mulaqatein Hoti Hain” von Pankaj Udhas komponiert?
Das Lied “Roz Mulaqatein Hoti Hain” von Pankaj Udhas wurde von Nusrat Badr komponiert.

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