Sabr De Ya Mere Zakhmo Ko

Mumtaz Rashid, Pankaj Udhas

सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
मसीहा दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
मसीहा दे दे
वरना फिर मुझको तड़पने का
सलीका दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को

तक के बे नूवर हुई
ढूँढने वाली आँखें
तक के बे नूवर हुई
ढूँढने वाली आँखें
तक के बे नूवर हुई
ढूँढने वाली आँखें
अब इनाह्ी मेरे पैरों में
उजला दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को

उमरा भर जिसने
कड़ी धूप में राहत दी हैं
उमरा भर जिसने
कड़ी धूप में राहत दी हैं
यूयेसेस सुलगती हुई दिवाद को साया देदे
वरना फिर मुझको तड़पने का
सलीका दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को

आरज़ू हैं के किसी आँख में आँसू ना रहें
आरज़ू हैं के किसी आँख में आँसू ना रहें
आरज़ू हैं के किसी आँख में आँसू ना रहें
मेरे हाथो में कोई ऐसा खिलोना देदे
वरना फिर मुझको तड़पने का
सलीका दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
मसीहा दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को

Wissenswertes über das Lied Sabr De Ya Mere Zakhmo Ko von Pankaj Udhas

Wann wurde das Lied “Sabr De Ya Mere Zakhmo Ko” von Pankaj Udhas veröffentlicht?
Das Lied Sabr De Ya Mere Zakhmo Ko wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Khwab” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Sabr De Ya Mere Zakhmo Ko” von Pankaj Udhas komponiert?
Das Lied “Sabr De Ya Mere Zakhmo Ko” von Pankaj Udhas wurde von Mumtaz Rashid, Pankaj Udhas komponiert.

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