Sagar Se Surahi
अच्छी सूरत को संवार ने
की ज़रूरत क्या हैं
अच्छी सूरत को संवार ने
की ज़रूरत क्या हैं
सादगी भी तो क़यामत की अड्डा होती हैं
पीलना फ़र्ज़ था कुच्छ भी पीला दिया होता
शराब कम थी तो पानी मिला दिया होता
सागर से सुराही टकराती
सागर से सुराही टकराती
बादल को पसीना आ जाता
सागर से सुराही टकराती
बादल को पसीना आ जाता
तुम ज़ुलफ अगर लहरा देते
तुम ज़ुलफ अगर लहरा देते
सावन का महीना आ जाता
सागर से सुराही टकराती
बादल को पसीना आ जाता
जीने की आडया से ना वाकिफ़
इंसान को जीना आ जाता
जीने की अदा
जीने की अदा से ना वाकिफ़
इंसान को जीना आ जाता
थोड़ी सी अगर तुम दे देते
थोड़ी सी अगर तुम दे देते
ज़ाहिद को भी पीना आ जाता
सागर से सुराही टकराती
बादल को पसीना आ जाता
किस्मत में ना थी ये दो रात
एक प्यार की एक तन्हाई की
किस्मत में ना थी ये दो रात
एक प्यार की एक तन्हाई की
एक रात में जीना आ जाता
एक रात में मारना आ जाता
एक रात में जीना आ जाता
एक रात में मारना आ जाता
तुम ज़ुलफ अगर लहरा देते
तुम ज़ुलफ अगर लहरा देते
सावन का महीना आ जाता
सागर से सुराही टकराती
बादल को पसीना आ जाता
अफ़सोस तुम अपनी आँखों से
भलका ना सके च्चालका ना सकी
अफ़सोस तुम अपनी आँखों से
भलका ना सके च्चालका ना सकी
भलका ना सके च्चालका ना सकी
अफ़सोस तुम अपनी आँखों से
भलका ना सके च्चालका ना सकी
हल्की सी अगर च्चालका देते
हल्की सी अगर च्चालका देते
आनवार को भी पीना आ जाता
सागर से सुराही टकराती
बादल को पसीना आ जाता
तुम ज़ुलफ अगर लहरा देते
तुम ज़ुलफ अगर लहरा देते
सावन का महीना आ जाता
सागर से सुराही टकराती
बादल को पसीना आ जाता
बादल को पसीना आ जाता
बादल को पसीना आ जाता