Shaher Mein Lekin
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
चलती साँसे, हँसते चेहरे शहर तो हैं आबाद हमारा
शहर में लेकिन चैन कहाँ हैं आँखों आँखों एक कोहरा सा
पलकों पलकों कोई धुआँ हैं शहर में लेकिन चैन कहाँ हैं
शहर में लेकिन चैन कहाँ हैं
हारे थके भारी कांधो पर बोझ लिए अपने अपने
साँसों की डोरी में सब ने बाँध रखे हैं कुछ सब ने (म्म म्म म्म म्म म्म)
दिन है सुहाने रात जवाँ हैं शहर में लेकिन चैन कहाँ हैं (म्म म्म म्म म्म म्म)
आँखों आँखों एक कोहरा सा पलकों पलकों कोई धुआँ हैं
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
किसे पता कितने कालख हैं इन जलते दीपों के नीचे
किसे खबर कितने आँसू हैं यहाँ के एक हँसी के पीछे (म्म म्म म्म म्म म्म)
बाग सजे हैं भरा मा हैं शहर में लेकिन चैन कहाँ हैं (म्म म्म म्म म्म म्म)
आँखों आँखों एक कोहरा सा पलकों पलकों कोई धुआँ हैं
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
नकली जुमले फ़ीकी बातें चेहरों पर हरियाली हैं
भरा पूरा ये शहर भी यारो अंदर कितना खाली हैं (म्म म्म म्म म्म म्म)
खुशियों की हर चीज यहा है शहर में लेकिन चैन कहाँ हैं (म्म म्म म्म म्म म्म)
चलती साँसे, हँसते चेहरे शहर तो हैं आबाद हमारा
शहर में लेकिन चैन कहाँ हैं आँखों आँखों एक कोहरा सा
पलकों पलकों कोई धुआँ हैं