Suraj Ki Har Kiran
सूरज की हर किरण तेरी
सूरत पे वार दूं
सूरज की हर किरण तेरी
सूरत पे वार दूं
दोजख को चाहता हूँ की
जन्नत पे वार दूं
सूरज की हर किरण तेरी
सूरत पे वार दूं
दोजख को चाहता हूँ की
जन्नत पे वार दूं
इतनी सी है तसल्ली की होगा मुक़ाबीला
इतनी सी है तसल्ली की होगा मुक़ाबीला
दिल क्या है जान भी अपनी
क़यामत पे वार दूं
दोजख को चाहता हूँ की
जन्नत पे वार दूं
सूरज की हर किरण तेरी
सूरत पे वार दूं
एक ख्वाब था जो देख
लिया नींद में कभी
एक ख्वाब था जो देख
लिया नींद में कभी
एक नींद है जो तेरी
मोहब्बत पे वार दूं
दोजख को चाहता हूँ की
जन्नत पे वार दूं
सूरज की हर किरण तेरी
सूरत पे वार दूं
आदम हसीन नींद
मिलेगी कहाँ मुझे
आदम हसीन नींद
मिलेगी कहाँ मुझे
आदम हसीन नींद
मिलेगी कहाँ मुझे
आदम हसीन नींद
मिलेगी कहाँ मुझे
फिर क्यों ना ज़िंदगानी
को तुरबत पे वार दूं
दोजख को चाहता हूँ की
जन्नत पे वार दूं
सूरज की हर किरण तेरी
सूरत पे वार दूं
दोजख को चाहता हूँ की
जन्नत पे वार दूं