Zulf Ghata

ALI GHANI, QAISAR UL JAFRI

जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जिस दीपक को हाथ लगा दो जले हज़ारो साल
जले हज़ारो साल
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
जिस कुटिया मे रात बिता दो ताजमहल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बगैर
दस्तक दिए बगैर
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
अब इतना भी सूनापन क्या घर जंगल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
तू आए तो पंख लगाकर उड जाती है शाम
उड जाती है शाम
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
मीलों लंबी रात सिमटकर पल दो पल हो जाए
शायर तुम को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए
जुल्फ घटा बनकर लहराए आँख कवल हो जाए

Wissenswertes über das Lied Zulf Ghata von Pankaj Udhas

Wann wurde das Lied “Zulf Ghata” von Pankaj Udhas veröffentlicht?
Das Lied Zulf Ghata wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Humnasheen” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Zulf Ghata” von Pankaj Udhas komponiert?
Das Lied “Zulf Ghata” von Pankaj Udhas wurde von ALI GHANI, QAISAR UL JAFRI komponiert.

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