Kam Toh Nahi
Kunaal Vermaa
इतना जरुरी है आँखों को तू
जैसे नींद को खाब है
सारे जहाँ से हुई बेखबर
तु ही बस मुझे याद है
दिल को क्या पता है जाना कहाँ
तेरे साथ हूँ ये कम तो नहीं
ये दिल मंज़िलें नहीं जानता
तेरे पास हूँ ये कम तो नहीं
तेरे पास हूँ ये कम तो नहीं
मेरे चेहरे पर भी अब तो
तेरा चेहरा रेहता है
खुशियाँ बनके इन पलकों पे
तू ही ठेहेरा रेहता है
मैं मेरे बिन रेह लूँ मगर
होगा गुजारा तेरे बिन नहीं
ये दिल मंज़िलें नहीं जानता
तेरे पास हूँ ये कम तो नहीं
तेरे पास हूँ ये कम तो नहीं