Rafta Rafta
Raghav Meattle
हा हा हा हा
रात गयी तो बात नयी
शुरू कहाँ से हम करे
धूप में भी छाँव लगे
भीड़ में भी तू ही दिखे
ये अनकही-सी दोस्ती
दिल की डोरी से सील रही
मुस्कुराए तू वहाँ
हँसी मेरे चेहरे पे खिल रही
रफ़्ता रफ़्ता मैं तेरी ओर यून चलूँ
रफ़्ता रफ़्ता मैं एक कदम तू यून रखूं
तेरी ओर हा हा हा
हा हा हा हा
हा हा हा हा
और दिल में है सुकून नया
ज़ुबान पे है नाम तेरा
जो मन में है तूने कहा
रफ़्ता रफ़्ता मैं तेरी ओर यून चलूँ
रफ़्ता रफ़्ता मैं एक कदम यून रखूं
तेरी और/ओर