Jahan Bhi Jao Aai Sanam Bas Tu Hi Tu

Hari Shankar Sufi

बरखा में बूँदों सी तू
सर्दी में जाड़ों सी तू
गर्मी में लपटों सी तू
बसंत में रंगों सी तू
कोई हो मौसम
आए नज़र बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
तू ही तू, तू ही तू

जर्रा जर्रा रोशन
लगे मेरे यारा
ओह जर्रा जर्रा रोशन
लगे मेरे यारा
तू जो चमके पलकों में
बनके सितारा
दिल के गुलशन में खिले है तू
साँसों में महके तेरी खुशबू
हर गली हर मोड़ तू मेरे रूबरू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू

शहद सा मीठा लगे
मुझे समंदर का पानी
ओ शहद सा मीठा लगे
मुझे समंदर का पानी
लहरों सी छू जाए जब तू
मुझको दीवानी
रंग में तेरे रंग गया में यूँ
देखूं दर्पण सामने है तू
साँस में हर आस में तेरी जूस्तजू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
बरखा में बूँदों सी तू
सर्दी में जाड़ों सी तू
गर्मी में लपटों सी तू
बसंत में रंगों सी तू
कोई हो मौसम
आए नज़र बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू
ओ जहाँ भी जाउँ
ए सनम बस तू ही तू तू ही तू ओ जहाँ भी जाउँ ए सनम बस तू ही तू

Wissenswertes über das Lied Jahan Bhi Jao Aai Sanam Bas Tu Hi Tu von Rahat Fateh Ali Khan

Wer hat das Lied “Jahan Bhi Jao Aai Sanam Bas Tu Hi Tu” von Rahat Fateh Ali Khan komponiert?
Das Lied “Jahan Bhi Jao Aai Sanam Bas Tu Hi Tu” von Rahat Fateh Ali Khan wurde von Hari Shankar Sufi komponiert.

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