Laal Ishq

Khalil Ur Rehman, Ameer Feroz

आ आ आ आ आ आ आ आ
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू
जा बज़ा जुबजू जा बज़ा जुबजू
चाल देखो तो मस्ती भरी चाल है
चाल देखो तो मस्ती भरी चाल है
हाल देखो तो बस हाल बेहाल है
इश्क़ तो लाल है, इश्क़ तो लाल है
इश्क़ तो लाल है, इश्क़ तो लाल है
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू

आ आ आ आ आ ना ना ना

कौन है लोग ये ज़ख़्म खाए हुए
दिल की मैयत को सर पे उठाए हुए

आरज़ूए कहा बेच कर आए है
आज आयें है पूछो ये क्या लाए है
एक मोहब्बत से यह ना संभाले गये
एक मोहब्बत ना इनसे संभाली गयी
ज़िंदगी बस उमीदो भरी जेब थी
ज़िंदगी बस उमीदो भरी जेब थी
जैसे खाली मिली वैसे खाली गयी

क्या मिला है मोहब्बत के बाज़ार से
क्या मिला है मोहब्बत के बाज़ार से
आज फिरते हो दिल को नकद हार के
ये मोहब्बत के दुश्मन की एक चाल है
इश्क़ तो लाल है, इश्क़ तो लाल है
इश्क़ तो लाल है, इश्क़ तो लाल है
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू

जब कहा था मोहब्बत गुनाह तो नही
फिर गुनाह के बराबर सज़ा क्यू मिली

ज़ख़्म देते हो कहते हो सीते रहो
जान लेकर कहोगे की जीते रहो
प्यार जब जब ज़मीन पर उतारा गया
ज़िंदगी तुझको सदके मे वारा गया
प्यार ज़िंदा रहा मखतलों मे मगर
प्यार ज़िंदा रहा मखतलों मे मगर
प्यार जिसने किया है वो मारा गया

हद यही है तो हद से गुज़र जाएँगे
हद यही है तो हद से गुज़र जाएँगे
इश्क़ चाहेगा चुप चाप मर जाएँगे
ये मोहब्बत मे निकली हुई फाल है
इश्क़ तो लाल है, इश्क़ तो लाल है
इश्क़ तो लाल है, इश्क़ तो लाल है
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू

लाल इश्क़ १४ अक्टूबर से हफ्ता रात 8 बजे

Wissenswertes über das Lied Laal Ishq von Rahat Fateh Ali Khan

Wer hat das Lied “Laal Ishq” von Rahat Fateh Ali Khan komponiert?
Das Lied “Laal Ishq” von Rahat Fateh Ali Khan wurde von Khalil Ur Rehman, Ameer Feroz komponiert.

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