Mere Yaar

The Local Train

अब क्या कहे उनसे जनाब
पिछले गुरुर टूटे नहीं
थे हर घड़ी जो रूबरू
अब एक शाम मुमकिन नहीं

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

है कयामत ये मोहब्बत
हारे हैं हम ना शिकवा कोई
ये दास्ताँ अब मुक्तसर
क्यों है खफा सुन तो सही
सुनता है मेरे यार
तू ही सही तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है मेरे यार
के मंज़िलें मिले अपना मकाम

थी हसरतें जिनसे हज़ार
रुखसत हुए अक्सर वही
हर शिकायत अब बेअसर
क्यों है खफा सुन तो सही
सुनता है मेरे यार
तू ही सही तो मैं दिल-ए-गुलाम
सुनता है मेरे यार
के मंज़िलें मिले अपना मकाम

थी हसरतें जिनसे हज़ार
रुखसत हुए अक्सर वही
है दास्तान यह मुख़्तसर
क्यों है खफा सुन तो सही

ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ

सुनता है मेरे यार
तू है सही तुम ऐ दिल-ए-गुलाम
सुनता है मेरे यार
के मंज़िलें मिले अपना मकाम

Wissenswertes über das Lied Mere Yaar von Raman Negi

Wer hat das Lied “Mere Yaar” von Raman Negi komponiert?
Das Lied “Mere Yaar” von Raman Negi wurde von The Local Train komponiert.

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