Kehti Hai Yeh
Ehsaan, Shankar, Akhtar Javed, K C LOY
वे चन्ना वे
यादा तेरी आवे
सेनए नाल लगे
ज़िंदगी गुज़र छाड़नी
वे यादा तेरेया
मैं सेनए नाल लग
दुररियाँ दुररियाँ
दुररियाँ दुररियाँ
दुररियाँ दुररियाँ
कहती है यह हवा
कहती है यह फ़िज़ा
कल कोई था यही
लेकिन अब वो नहीं
वो कहीं अब और है
दर्द का दौर है
कितना गहरा है गम
कैसा है यह सितम
कहती है यह हवा
कहती है यह फ़िज़ा
कितने ही गुम सहो
उतने ही चुप रहो
कुछ ना कहो
कुछ ना कहो
कुछ ना कहो
कुछ ना कहो
आरज़ू सो गयी
हर खुशी खो गयी
सुने है रास्ते
अब मेरे वास्ते
सिर्फ़ एक याद है
एक फरियाद है
सिर्फ़ तनहाईयाँ
सिर्फ़ परछाईयाँ
आसून की नदी दिल
में है बह रही
कहती है ज़िंदगी
तुम भी इस में बहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो